Love 5
मैं सूरज सा वहीं रुका हुआ तुम गोल घूमती धरती सी मैं हर पल प्रेम लुटाता हूँ तुम कभी – कभी का करती सी
यह पुस्तक आपको अपने आत्म-विश्वास को बढ़ाने, नई सोच और दृष्टिकोण को समझने और अपने सपनों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित कर सकती है।
यह पुस्तक आपकी सोच को सकारात्मक दिशा में मोड़ कर और आपको मानवता, धर्म, और विचारों की सहायता से अपने जीवन को समझने में मदद करेगी।
इस पुस्तक के माध्यम से, आप अपने लक्ष्यों और सपनों की ओर बढ़ सकते हैं। यह आपको जीवन में सफलता के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगी।
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are self explanatory-5/5
मैं सूरज सा वहीं रुका हुआ तुम गोल घूमती धरती सी मैं हर पल प्रेम लुटाता हूँ तुम कभी – कभी का करती सी
तेरे मेरे बीच के शिकवे धोना चाहता हूँ तेरे गले लग के अब मैं रोना चाहता हूँ हर शाम गुज़रती जाती है ये सोच
मैं खड़ा वहीं बन दीवाना तेरा मन बदले तो आ जाना वो जगह जो तुझसे रौशन थी वो सुबह जो तेरा यौवन थी वो
रूप बसा एक अंतर्मन में ढूँढ रहा हूँ उसे गगन में पर लगती है हाथ निराशा कैसे पूरी होगी आशा आशा पर संसार टिका है
युवक एक वो भोला था हर द्वार अभी ना खोला था पर, एक हल्की सी दस्तक पर दिल मधुर स्वरों में बोला था वो प्रेम